Railway Engine was stolen and sold to scrap in Muzaffarpur: बरौनी में सुरंग बनाकर चोरों ने कैसे रेल इंजन चुराकर मुज़फ्फरपुर में कबाड़ी को बेंचा…जानें

Railway Engine was stolen and sold to scrap in Muzaffarpur
जनधारा 24 न्यूज डेस्क।Railway Engine was stolen and sold to scrap in Muzaffarpur:
बिहार के बेगूसराय जिले के बरौनी में रेल इंजन की चोरी का सनसनीखेज मामला सामने आया है।
यहां चोरों ने सुरंग बनाकर रेल इंजन को चुराया।
फिर उसको बोरे में भरकर मुजफ्फरपुर में कबाड़ी की दुकान में कैसे बेंचा ?
कैसे कबाड़ी की दुकान से आरपीएफ ने बरामद किया ?
सब कुछ आपको बताएंगे बस आप बने रहिए जनधारा 24 के साथ- .
Railway Engine was stolen and sold to scrap in Muzaffarpur:
बिहार में चोरों ने एक ऐसी कांड को अंजाम दिया, जिसके बारे में जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।
रोहतास में 500 टन वजनी लोहे का पुल चोरी करने के बाद चोरों ने
एक और बड़ी वारदात को अंजाम दिया है।
चोरों ने अब सुरंग बनाकर पूरे रेल इंजन को गायब कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक, मुजफ्फरपुर में एक कबाड़ की
दुकान से बरामद बैग में ट्रेन के इंजन के पुर्जे भरे हुए थे।
कैसे चोरों तक पहुंची आरपीएफ की टीम
पुलिस के मुताबिक, पिछले हफ्ते एक गिरोह ने बरौनी (जिला बेगूसराय) के
गरहरा यार्ड में मरम्मत के लिए लाई गई एक ट्रेन का पूरा डीजल इंजन चुरा लिया था।
गिरोह ने एक बार में कुछ पुर्जे चुराकर इसे हासिल किया।
पहला खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया ।
पूछताछ में उन्हीं की निशानदेही पर मुजफ्फरपुर की
प्रभात कॉलोनी स्थित एक कबाड़ के गोदाम से इंजन के पुर्जों के 13 बोरे बरामद किए।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि आश्चर्य की बात यह थी कि
हमें यार्ड के पास एक सुरंग मिली है।
उसके माध्यम से चोर आते थे और इंजन के पुर्जों को
चुराकर बोरों में भरकर ले जाते थे।
रेलवे अधिकारी इससे पूरी तरह अनभिज्ञ थे।
पूर्णिया में भी रेल इंजन की हुई थी चोरी
हम आपको बता दें कि हाल ही में पूर्णिया जिले में
जहां चोरों ने एक पूरा विंटेज मीटर गेज का स्टीम इंजन बेच दिया,
जिसे सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए स्थानीय रेलवे स्टेशन पर रखा गया था।
जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि समस्तीपुर डिवीजन के
डिवीजनल मैकेनिकल इंजीनियर द्वारा जारी किए गए
जाली पत्र के आधार पर एक रेलवे इंजीनियर ने क्लासिक स्टीम इंजन बेचा था।
चोरी होने की कगार पर है रेलवे का पुल
वहीं, बिहार के उत्तर पूर्वी अररिया जिले में सीताधार नदी पर बने
लोहे के पुल का ताला दूसरे गिरोह ने खोल दिया है।
पुल के अन्य महत्वपूर्ण हिस्सों को गायब पाकर पुलिस हैरान है।
मजबूरन पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी पड़ी
और उसकी सुरक्षा के लिए एक कांस्टेबल तैनात करना पड़ा।
विदित हो कि पलटनिया पुल फारबिसगंज शहर को रानीगंज से जोड़ता है।
दोनों शहर अररिया जिले में ही आते हैं।
पुलिस ने यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए कि
मामले को गंभीरता से लिया जाए।
थाना प्रभारी निर्मल कुमार यादवेंदु ने बताया कि
हमने पुल की सुरक्षा के लिए एक सिपाही तैनात किया है,
ताकि यह सुरक्षित रहे।
What does Police Officer says
पुलिस अधिकारी ने कहा कि हमने अज्ञात लोगों के खिलाफ लोहे के
पुल के कुछ हिस्से चोरी करने का मामला दर्ज किया है ।
तो वहीं मामले की जांच जारी हैं।
हम आपको बता दें कि इसी साल अप्रैल में लुटेरों ने करीब 500 टन वजनी
45 साल पुराने स्टील के पुल को दिन में तोड़कर बेच दिया था।
इसमें सिंचाई विभाग के अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
बाद में पुलिस ने इस मामले में जल संसाधन विभाग के
एक सहायक अभियंता समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया था।
उसके इकबालिया बयान के आधार पर पुलिस ने कबाड़
सामग्री भी बरामद की है। मामला अदालत में विचाराधीन है ।